मोदी ने चीन की चाल को किया विफल ।
जैसा की हम सभी लोग जानते है की कोरोना महामारी के फैलने के पहले से ही हमारे देश की आर्थिक हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं चल रही थी । ऐसी स्थिति में इस कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार को मज़बूरी में लॉक डाउन का निर्णय लेना पड़ा जिसने की भारत की कमजोर अर्थव्यवस्था को और ज्यादा कमजोर कर दिया । ऐसी स्थिति में अवसरवादी चीन ने अपनी चाल चलना शुरू कि और भारत की FDI पॉलिसी की छूट का फायदा उठाते हुए आटोमेटिक रूट के जरिये चीनी बैंक PBOC ने भारत की HDFC कंपनी के 1% शेयर खरीदने का निर्णय किया और इस तरह से चीन भारत की कंपनियों में अपना अधिकार और दखल बढ़ाना चाहता था लेकिन 18 अप्रैल 2020 को सरकार ने एक ऐसा नोटिस जारी किया जिससे चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया गया । भारत ने अपनी FDI पालिसी में कुछ संशोधन कए है जिसके अंतर्गत भारत का कोई भी पडोसी देश अब भारत सरकार की अनुमति के बिना भारतीय कंपनियों में निवेश नहीं कर सकेगा और इस तरह से चीन की चाल विफल हो गयी जिसमे वह भारत की कंपनियों पर अपना अधिकार बढ़ाना चाहता था । मोदी सरकार के इस मास्टर स्ट्रोक की हर कोई सराहना कर रहा है ।
इस सन्दर्भ में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने भी 12 अप्रैल 2020 को ट्वीट करके सरकार को चेताया था की महा मंदी की स्थिति मैं हमारी कम्पनिया कमजोर पड़ रही है जिसका फायदा उठाकर विदेशी कम्पनिया टेक ओवर कर सकती है अतः भारत सरकार को भारतीय कंपनियों का नियंत्रण विदेशी कंपनियों के हाथो में जाने से रोकने का प्रयास करना चाहिए ।
प्रधान संपादक करुणेश शर्मा
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