पानी की किल्लत से शिवपुरी की जनता में त्राहि-त्राहि।
शिवपुरी की जनता इस भीषण गर्मी में जहां कोरोना के मारे परेशान हैं वहीं पानी की एक-एक बूंद के लिए शहर की जनता तरस रही है। मणिखेड़ा जैसा बड़ा प्रोजेक्ट जो 20 सालों से प्रशासन की फाइलों में चल रहा है उसका कुछ पानी लगभग 30% पानी शहर के कुछ हिस्सों में 8 दिन में एक बार आ रहा है प्राइवेट टैंकर जनता की इस कमजोरी का फायदा उठाकर लाखों रुपए समेटने में लगे हुए हैं ,प्रशासन मौन है ,सांसद खामोश है जनता की सुनने वाला कोई नहीं है गरीब लोगों को पानी पर्व परिवहन करके अपना गुजारा करते हुए देखा जा सकता है। अधिकारियों के पास जब जनता पानी की समस्या को लेकर जाती है तो अधिकारी यह कहकर मना कर देते हैं कि मणिखेड़ा की लाइन फूटी है या वहां पर बिजली नहीं है अन्य और कई समस्याओं का हवाला देकर चलता कर देते हैं वही नगर पालिका के ट्यूबवेल बंद पड़े हैं । ट्यूबेल की मोटर नगरपालिका सही नहीं करवाती जिससे पानी के अभाव में पानी के टैंकरों की बिक्री बढ़ जाया करती है ऐसी स्थिति में जनता पानी खरीदने के लिए मजबूर है मणिखेड़ा प्रोजेक्ट कैलाश वासी माधवराव सिंधिया जी का ड्रीम प्रोजेक्ट था इसकी नींव उन्हीं ने रखी जिस को मूर्त रूप देने में उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनकी बहन विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने जी तोड़ कोशिश करके प्रशासन से लड़के मणि खेड़ा प्रोजेक्ट पर काम करने वाली एजेंसी से लड़के मणि खेड़ा का पानी शिवपुरी में ला दिया किंतु एजेंसी ने घटिया सामान का उपयोग करके इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डलवाने जैसा कार्य किया इसी का फायदा उठाकर नगर पालिका प्रशासन ने जनता को पानी के लिए विशेषकर मणि खेड़ा के पानी के लिए तरसा दिया है। नगर पालिका प्रशासन ने मणि खेड़ा प्रोजेक्ट का पैसा बंदरबाद करके ,घटिया सामग्री एजेंसी से लगवा के ना सिर्फ जनता को धोखा दिया बल्कि बड़े-बड़े नेता व शासन को अंधेरे में रखा इसी का खामियाजा भुगतने के लिए आज जनता बूंद बूंद के लिए परेशान हैं ,नए सांसद के पी यादव को जनता की परेशानी सुनने का समय नहीं है चुनाव जीतने के बाद शिवपुरी में कब आते हैं-कब जाते हैं किसी को खबर नहीं है अब मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि वह इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर ध्यान देकर जनता को राहत प्रदान करें।
प्रधान संपादक करुणेश शर्मा
Ads go here
Comments