लोगों की लापरवाही और उपद्रव के बीच कोरोना से लड़ना है बड़ी चुनौती ।
सभी देशवासी वर्तमान संकट कोरोना संक्रमन का पूरी एकजुटता के साथ मिलकर के तन मन तथा धन से अपना सम्पूर्ण योगदान दे रहे है। कोरोना के कहर ने जनमानस के न केवल शारीरिक अपितु आर्थिक और मानसिक रूप से भी गहरा आघात किया है रोज़ाना हर दिन क साथ कोरोना से संक्रमित लोगो की गिनती निरंतर व्यापक रूप से बढ़ती ही जा रही है ऐसी नाज़ुक हालत में कुछ असामाजिक तत्त्व मानस की सोच और चिंता का प्रमुख मुद्दा बने हुए है रोज़ाना कोरोना संक्रमन से देश के कई सदस्य अपना प्राण गवा रहे है वर्तमान में भारत में ७० से ज़्यादा मौत इस कोरोना संक्रमण से हो चुकी है ऐसी शोकाकुल स्तिथि में देश के भीतर में कुछ ऐसे असामाजिक तत्त्व है जिनको देश की इस वर्तमान परिस्तिथि से कोई खासा फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है एवम इनकी लापरवाही की वजह से इनका खुदका व् इनसे जुड़े समस्त लोगो का जीवन खतरे में आगया है ये असामाजिक तत्त्व न जाने क्या साबित करने का प्रयास कर रहे है है आज जब देश में हर कोई एकजुटता और अपने अथक बलिदानो के साथ देश को कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए एक ओर लगा है वही दूसरी ओर कुछ लोग किस मानसिक मंशा को साकार करने की सनक में डूबे है क्या हम और आप ऐसे मानसकिक विकार वालो को इस खतरनाक परिस्थिति का एहसास कराके इन्हे जागरूक कर पाएंगे ? ऐसे लापरवाह प्रवृतियों वालो के खिलाफ केंद्र सरकार को ऐसे कड़े कदम उठाने की अति आवश्यकता है सर्वे प्रथम ऐसे देश लोगो को भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कड़ी से कड़ी सजा देंने की अति आवश्यकता है ताकि ये देखे की इनके द्वारा उत्पन की गई हरकतों को रोकने के लिए भारत सरकार बाधित नहीं है ।
कमल शर्मा
Ads go here
Comments