लॉक डाउन 2.0 में किसानो को मिलने वाली छूट पर एक विश्लेषण ।
भारत में कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश में 14 अप्रैल से लॉक डाउन 3 मई तक किया गया है यह उचित है यह भारतीयों के स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रधानमंत्री का अत्यंत ही सराहनीय कदम है इस कदम से भारत देश लगभग पूर्णतः कोरोना मुक्त हो जाएगा इस लोक डाउन में जनता को कुछ सुविधाएं देने पर शासन विचार कर रहा है इसकी गाइडलाइन शासन जारी करेगा किंतु किसानों को दी जाने वाली रियायत के बारे में शासन का रुख लगभग स्पष्ट है इसमें फसल की कटाई से लेकर अनाज को मंडी में बेचने तक की सुविधाओं पर विचार किया जा रहा है ।
शासन द्वारा दी जाने वाली गाइड लाइन में जनता को विशेषकर किसानों को इस बात की उत्सुकता है की मंडी में बेचे जाने वाला आनाज का समय थोड़ा अधिक होना चाहिए जिससे किसान अपना अनाज मंडी या सरकार को बेच सकें कृषि उपकरण कृषि संबंधी दवाई आदि खरीद खरीदने के लिए समय सीमा अलग से निर्धारित होनी चाहिए इसके अलावा खाने के रेस्टोरेंट भोजनालय भी आवश्यक सेवा में आना चाहिए ऐसा जनता का विचार है ।
मजदूरों को मनरेगा में काम करने की छूट मिलने की भी उम्मीद मजदूर वर्ग में की जा रही है मनरेगा मजदूरों के अतिरिक्त अन्य सेक्टर के मजदूरों को भी क्या शासन छूट देगा क्योंकि नाई, धोबी ,इलेक्ट्रीशियन भी मजदूर वर्ग से ही आते हैं जो लगभग 25 दिनों से घरों में बेरोजगार बैठे हुए हैं शासन को इनकी ओर भी ध्यान देने की महती आवश्यकता है । इन कार्यों को करने के लिए सोशल डिस्टें किस प्रकार रखने की व्यवस्था शासन करेगा यह विचारणीय प्रश्न है यह शासन की गाइड लाइन में ही परीक्षित होगा ।
शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन न किए जाने पर यह सुविधाएं शासन 3 मई तक स्थगित भी कर सकता है ऐसी स्थिति में आम नागरिकों को शासन द्वारा दी जाने वाली गाइडलाइन का पालन करना ही होगा क्योंकि हमारा देश कोरोना जैसी महामारी पर विजय प्राप्त करने में अग्रसर हो चुका है 3 मई तक भारत देश पूर्णतः कोरोना मुक्त हो जाएगा ऐसी आशा है इसके अतिरिक्त शासन के आदेशों का पालन ना करने की दिशा में दंड की भी व्यवस्था निर्धारित की जा चुकी है ।
डॉक्टर पी दास की कलम से
Ads go here
Comments