कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की खामोशी का राज क्या है?
प्रधान संपादक करुणेश शर्मा
मध्यप्रदेश में आज की समय में उथल-पुथल मची हुई है कांग्रेसमें घमासान जारी है ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री कमलनाथ में आर-पार की जंग शुरू हो चुकी है आने वाले समय में विशेषकर राज्यसभा के चुनाव के समय तक मध्य प्रदेश की सरकार रहेगी या जाएगी यह कहा नहीं जा सकता है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार की कार्यप्रणाली से संतोष नहीं है वह अपने वक्तव्य में कांग्रेस के घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा न करने के कारण बताते रहते हैं विशेषकर किसानों व कर्मचारियों को किए गए वादे पूरे ना किए जाने की स्थिति में कमलनाथ से नाराजगी जाहिर करते रहते हैं किंतु नाराजगी की प्रथम शुरुआत विधानसभा चुनाव के बाद ही नतीजों के बाद शुरू हो चुकी थी ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके समर्थकों को ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनने की पूर्ण उम्मीद थी किंतु दिग्विजय सिंह वर्क कमलनाथ की कुशल राजनीतिक सूझबूझ के चलते सोनिया गांधी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री की कमाल कमलनाथ को दे दी गई ज्योतिरादित्य सिंधिया उसी समय से कांग्रेस व मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज हो चुके थे उनके समर्थकों ने उसी समय कई बार आंदोलन कर कांग्रेश हाईकमान को यह अवगत करने की कोशिश की की ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए जब काग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ को ही मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित कर दिया तो जोत सिंधिया समर्थकों ने कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए हाईकमान पर पुनः दबाव बनाने का प्रयास किया जिसमें वह कामयाब नहीं हो सके तभी से ज्योतिराज सिंधिया समर्थक वर्क कमलनाथ में रार खींची हुई है हालांकि कमलनाथ ने कई सिंधिया समर्थकों को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पद देकर सिंधिया जी को मनाने का प्रयास किया है किंतु सिंधिया जी प्रेस के सामने जनता के सामने मौन व्रत रखे हुए हैं जबकि उनके समर्थक कमलनाथ कौन की सरकार के खिलाफ अक्सर वक्तव्य देते हुए देखे जा सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि राज्यसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी राज्यसभा सांसद के रूप में चुने जाने के लिए काफी तेज प्रयास कर रहे हैं इस दिशा में बड़ी तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं सूत्रों के हवाले से खबर है कि राज्यसभा चुनाव में किसी बड़ी घटना राजनीतिक घटना घट सकती है.
कमलनाथ सरकार को राज्य सभा चुनाव तक काफी संभलकर चलना होगा राज्यसभा चुनाव के दौरान भा जा पा सरकार को गिराने में गंभीर प्रयास करेगी ऐसा प्रतीत होता है.
हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास गिने चुने ही विधायक ही आज के समय में रह गए हैं उनके ज्यादातर विधायकों को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पक्ष में कर लिया है जबकि सिंधिया जी अपने विधायकों पर हद से ज्यादा भरोसा कर रहे हैं.
इस कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा चुनाव तक शांत वह खामोश हैं
Ads go here
Comments